Corona Virus: क्यों न सावधानी को ही बना लें इलाज?

Corona Virus: क्यों न सावधानी को ही बना लें इलाज?

रोहित पाल

चीन से फैला कोरोना वायरस अब चीन में थम गया है, लेकिन अब यह दुनिया अन्य देशों में तेजी से फ़ैल रहा है। दुनियाभर में 6 लाख 97 हजार 244 लोग कोरोना वायरस की चपेट में हैं। इनमें 33257 लोगों की मौत हो चुकी है। जहां एक तरफ पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसका इलाज ढूढ़ने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकारें और स्वास्थ्य विभाग कोरोना से बचाव करने के लिए पूरी तरह से हरकत में हैं।

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वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आकड़ों के अनुसार आज भारत में कोरोना वायरस के कुल एक्टिव पीड़ितों की संख्या 1117 पहुंच चुकी है। भारत में मौजूद विदेशी मरीजों की संख्‍या 49 है। एक्‍ट‍िव पीडि़तों में विदेशी मरीज भी शामिल हैं। अभी तक 102 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस संक्रमण से 32 लोगों की मौत हुई है। एक माइग्रेटेड मरीज को मिलाकर देश में कोरोना के कुल कन्‍‍‍‍‍फर्म 1251मामले हैं।

जैसा की आप जानते हैं कि कोरोना वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं मिला है यानी अब तक कोई ऐसी वैक्सीन तैयार नहीं की जा सकी है जिससे इसका तुरंत इलाज किया जा सके। हालांकि सभी देशों के वैज्ञानिक और मेडिकल एक्सपर्ट इसका इलाज खोजने की कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में जाहिर है कि इससे बचने का एक ही तरीका है खुद बचाव करना यानी सावधानियां बरतना। WHO समेत सभी मेडिकल एक्सपर्ट भी इससे बचने के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं। इसलिए विचार करें क्यों न हम सावधानियों को ही इसका इलाज बना लें।

क्यों न हम सावधानियों को ही इसका इलाज बना लें।

जैसे कि मैंने ऊपर बात की सभी मेडिकल एक्सपर्ट और डबल्यूएचओ ने खुद इससे बचने के लिए ज्याद से ज्यादा सावधानियां बरतने के लिए कहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम बताई गयी सावधानियों का नियमित रूप से पालन करें। आकड़ों के अनुसार इस वायरस की शुरुआत होने वाले देश की बात करें तो वहां पिछले कुछ दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार चीन में हेल्थ को लेकर कई सारे किये गए थे लेकिन उन्होंने इससे भी अच्छा एक काम किया है कि उन्होंने बचाव करने वाले नियमों का पालन बहुत अच्छे  यानी उन्होंने लगतार सावधानियां बरतीं। अगर देखे तो उन्होंने सावधानियों को ही इलाज बना लिया और कोरोना वायरस (Corona Virus Cov-19) से छुट्टी पा ली। इसलिए जब तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं होती है तब तक क्यों न हम सावधानियों और बचाव के तरीकों को ही इलाज मानकर चले और परमानेंट इलाज न मिलने तक यही एक तरीका है जो हमें इससे बचा सकता है और ये बात हमें समझनी होगी। आइए अब सावधानियों के बारे विस्तार में जानते हैं, जैसे- हमें वास्तव में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?

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विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर हम आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बता रहे हैं-

एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हो या फिर लैब में लोगों की जांच, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है। इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं, जिससे कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है।

किन लोगों मास्क पहनना जरूरी है?

  • अगर आप बिलकुल स्वस्थ हैं तो आपको मास्क पहनने की जरूरत नहीं है।
  • अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित है तो आपको मास्क पहनना जरूरी है।
  • जिन्हें  बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है,  उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

मास्क को पहनने का सही तरीका क्या है?

  • मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए।
  • हाथ लगने पर तुरंत हाथों को धो लें।
  • मास्क को इस प्रकार पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे।
  • मास्क को उतारते समय मास्क की लास्टिक या फीता पकड़क कर निकालना चाहिए,  मास्क को बिल्कुल नहीं छूना चाहिए।
  • मास्क को हर रोज बदलने का प्रयास करें।

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कोरोना के खतरे को कम करने के तरीके:

कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। अपने हाथ अच्छी तरह धोएं। खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढक लें। हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें।

कोरोना वायरस के लक्षण (Corona Virus Symptoms):

  • पहले बुखार होता है।
  • इसके बाद सूखी खांसी होती है और एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
  • वैसे इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है।
  • कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
  • बजुर्ग, खासतौर पर जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है।
  • कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे ज़ुकाम और फ्लू में।

कोरोना का संक्रमण फैलने से कैसे रोका जाए?

  • अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है।
  • घर पर रहें, ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें घर में मेहमान न बुलाएं।
  • घर का सामान लेने जाएं तो ज्यादा सतकर्ता बरतें या किसी और से मगाएं।
  • अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें।
  • अलग-अलग कमरों में रहने का प्रयास करें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ करें।
  • 14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके।

ध्यान दें : इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है। कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते।

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कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाए तब?

वर्तमान में कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं। जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें। फ़िलहाल कोरोना के इलाज की वैक्सीन बनाने के लिए काम किया जा रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा। कुछ अस्पताल एंटी-वायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं।

 

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